महाविद्यालय का संक्षिप्त परिचय

पिछड़े क्षेत्र के आदिवासी बच्चो कों भी उच्च शिक्षा दी जा सके, इसके प्रयास आज़ादी के बाद से ही चल रहे थे | दुद्धी क्षेत्र की जनता की माँग पर पं० कमलापति त्रिपाठी की प्रेरणा से जुलाई. 1973 में इस महाविद्यालय की स्थापना हुई | प्रारम्भ में यह महाविद्यालय राजकीय इण्टर कॉलेज दुद्धी के सर सी० बी० रमन प्रयोगशाला में चलता रहा और उच्च शिक्षा के प्रचार-प्रसार का ज्ञान-दीप जलाने में साधनारत रहा | सन 1973से ही कला संकाय खुलने के साथ ही हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र. प्राचीन इतिहास, समाज शास्त्र और राजनीति शास्त्र के अध्यन की व्यवस्था रही | सत्र 1997-98 से वाणिज्य और विज्ञान संकाय की स्थाई मान्यता के साथ अध्ययन की व्यवस्था चल रही है | सत्र 2009-10 से हिन्दी, समाजशास्त्र तथा राजनीतिशास्त्र विषयों में स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा महाविद्यालय  में प्रारम्भ हो गई है |

महाविद्यालय में प्राचार्य कक्ष, पुस्तकालय, वाचनालय, छात्रसंघ तथा प्राणिविज्ञान, रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान व वनस्पति विज्ञान प्रयोशालाओ सहित कुल 50 कमरे है | महाविद्यालय में जुलाई 2014 से कंप्यूटर शिक्षा अध्यन की व्यवस्था की गई है | सत्र 1994-1995 से नए क्रीड़ागन का निर्माण किया गया है | वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिताओ के अतिरिक्त बैडमिन्टन, वालीवाल, फुटबाल, शतरंज, कैरम, रोबर्स क्रू एवं रेंजेर्स के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया जाता है तथा प्रतियोगिताओ में भाग लेने हेतु छात्रों कों उत्साहित किया जाता है |

राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत प्रौढ़ शिक्षा, वृक्षारोपण, सफाई आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है | विभागीय परिषदोंके माध्यम से वाद-विवाद, भाषण, नाटक, निबन्ध आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन एवं पुरस्कार वितरण किया जाता है |

पर्यावरण व ग्रीन वैली के अन्तर्गत 2014 में 50 अशोक वृक्ष लगाये गये तथा फलदार वृक्षों में आँवला, नीबू, आम, जामुन, अमरुद आदि लगाये गये है | शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से छात्रों की अध्यन के साथ-साथ भौगोलिक क्षेत्र की विस्तृत व व्यावहारिक जानकारी दी जाति है | वास्तव में महाविद्यालय ‘सा विद्या या विमुक्तये’ कों चरितार्थ के साथ अग्रसर है |

महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से सम्बद्ध यह महाविद्यालय अपने उत्तम शैक्षिक वातावरण, उत्कृष्ट परीक्षाफल, सराहनीय परीक्षा व्यवस्था व अनुशाशन तथा उल्लेखनीय पाठ्योत्तर क्रियाकलापों के लिए विख्यात है | महाविद्यालय में फरवरी 2015 में पर्यावरण प्रदुषण एवं उसका परिस्थिति पर प्रभाव पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला  (सेमिनार) का आयोजन किया गया |